ऐतिहासिक अनुसंधान (Historical Research)

ऐतिहासिक अनुसंधान जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है के अन्तर्गत वैसे अनुसंधान आते हैं जिनमें बीती या अतीत की घटनाओं को रिकार्ड किया जाता है, इसके बाद उनका विश्लेषण किया जाता है तथा उनकी व्याख्या की जाती है ताकि उसके आधार पर एक प्रबल सामान्यीकरण (Generalisation) किया जा सके। अन्य शब्दों में कहा जा सकता है कि ऐतिहासिक अनुसंधान में मुख्य रूप से ‘क्या था’ के सम्बन्ध में वर्णन किया जाता है अर्थात् अतीत की घटनाओं के सम्बन्ध में अध्ययन किया जाता है।

ऐतिहासिक अनुसंधान तथ्यों को स्थापित करने की कोशिश करता है ताकि प्राचीन या अतीत की घटनाओं के सम्बन्ध में उचित निष्कर्ष निकाले जा सकें। इनके साथ-साथ ऐतिहासिक अनुसंधान के द्वारा इन घटनाओं व इन घटनाओं की वर्तमान समय मैं विद्यमान स्थितियों से प्रासंगिकता (relevance) की व्याख्या करके यह अनुमान लगाने का प्रयास किया जाता है कि भविष्य मैं क्या घटित हो सकता है। सरल शब्दों में कहा जा सकता है कि ऐतिहासिक अनुसंधान का सम्बन्ध भूत या अतीत से होता है तथा यह भविष्य को समझने के लिये भूत या अतीत का विश्लेषण करता है।

इसके अतिरिक्त ऐतिहासिक अनुसंधान के अन्तर्गत अनुसंधानकर्ता को अपनी अध्ययन समस्या को स्पष्ट करना होता है, व उनको सीमाबद्ध करना होता है, तथा परिकल्पना की रचना करना होता है। अनुसंधानकर्ता को उस वैध (valid) विषय सामग्री को संकलित करना होता है, जिसका सम्बन्ध अध्ययन-सम्बन्धी घटना अथवा विषय से होता है। यही नहीं बल्कि यहाँ अनुसंधानकर्ता के लिये यह भी स्थापित करना अनिवार्य ही होता है कि जिन साधनों, साक्ष्यों व अभिलेखों का उसने अपने अनुसंधानों में उपयोग किया है, व वे सब विश्वसनीय तथा संदेहरहित हैं, तथा उसने जिन ऐतिहासिक तथ्यों की खोज की है, उनकी यथार्थकता तथा परिशुद्धता उच्च वैज्ञानिक स्तर की है। ऐसे सूक्ष्मात्मक वैज्ञानिक अध्ययन से ही अतीत की विशिष्ट जानकारी उपलब्ध होती है, व उसके संदेश में ही वर्तमान का यथार्थ ज्ञान होता है तथा भविष्य के सम्बन्ध में अनुमान सम्भव होता है।

ऐतिहासिक अनुसंधान की परिभाषाएँ (Definitions of Historical Research)

ऐतिहासिक अनुसंधान के अर्थ के सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाएँ निम्नलिखित प्रकार से हैं-

करलिंगर के शब्दों में “ऐतिहासिक अनुसंधान अतीत की घटनाओं, विकास-क्रमों तथा अनुसंधान का वह सूक्ष्मात्मक अन्वेषण होता है, जिसमें अतीत से सम्बन्धित सूचनाओं के सम्बन्धों तथा प्राप्त सन्तुलित विवेचना की वैधता का सावधानी पूर्ण परीक्षण सम्मिलित रहता है।”

Historical Research is the critical investigation of events, developments and experience of the past, the careful weighing of the evidence of the validity of sources of information of the past, and the interpretation of the weighted evidence. – Kerlinger

जॉन डब्ल्यू बेस्ट (John W Best) के अनुसार- “ऐतिहासिक अनुसंधान का सम्बन्ध ऐतिहासिक समस्याओं के वैज्ञानिक विश्लेषण से है। इसके अन्तर्गत समस्या का परिसीमन व तादात्मीकरण, उपकल्पना का निर्माण, आँकड़ों का एकत्रीकरण, संगठन, सत्यापन, वैधता, उपकल्पना का परीक्षण तथा ऐतिहासिक घटनाओं को लिखना आता है। ये सभी पद नयी सूझ या समझ उत्पन्न करते हैं जिसका सम्बन्ध वर्तमान व भविष्य से होता है।”

“Historical Research is the application of the scientific method of inquiry to historical problems. It involves identification and limitation of the problem; formulation of hypothesis, collection, organisation, verification and analysis of data, testing the hypothesis and writing the historical account. All of these steps leads to new understanding of the past, its relevance to present and future.” – John W Best

व्हाइटने के शब्दों में- “ऐतिहासिक अनुसंधान का सम्बन्ध अतीत के अनुभव से रहता है…… इसका उद्देश्य एक घटना, तथ्य तथा अभिवृत्ति से सम्बन्धित अतीत की प्रवृत्तियों के अन्वेषण द्वारा अभी तक अबोध्य सामाजिक समस्याओं में अनुचिन्तनात्मक विथि की अनुप्रयुक्ति होता है। इसके द्वारा मानव विचार तया व्यवहार के उन विकास-क्रमों की खोज करना होता है, जिससे किसी एक सामाजिक गतिविधि के आधार पर पता लगता है।”

Historical research deals with past experience …….. Its aim to apply the method of reflective thinking to social problems, still unsolved, by means of discovery of past trends of event, fact and attitude. It traces lines of development in human thought and action in order to reach some basis for social activity. – Whitney F.L.

नेविन्स (Nevins) महोदय ने ऐतिहासिक अनुसंधान को वृत्तान्त वाली विधि कहा है, जिसके द्वारा अतीत या पूर्व तथ्यों एवं घटनाओं को समीक्षात्मक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है तथा जिसका उद्देश्य सत्य के बारे में पता लगाना होता है।

Historical research is called narrative method, by which past or past facts and events are presented in a critical manner and whose purpose is to find out about the truth. – Nevins

 अतः उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि- ऐतिहासिक अनुसंधान अतीत की घटनाओं, विकास-क्रमों तक अनुभवों का विशिष्ट अन्वेषण होता है, जिसके अन्तर्गत अतीत से सम्बन्धित सूचनाओं के साथनों तथा प्राप्त की गई संतुलित विवेचना की वैधता (Validity) का सावधानीपूर्वक परीक्षण किया जाता है।

ऐतिहासिक अनुसंधान (Historical Research)
ऐतिहासिक अनुसंधान (Historical Research)

ऐतिहासिक अनुसंधान की विशेषताएँ (Characteristics of Historical Research)

 ऐतिहासिक अनुसंधान की मुख्य विशेषताएँ निम्न प्रकार से हैं-

  1. ऐतिहासिक अनुसंधान के अन्तर्गत पुष्ट या सिद्ध प्रमाणों के आधार पर समस्याओं का समाधान ढूँढ़ने तथा सामान्यीकरण (Generalisation) करने का प्रयास किया जाता है।
  2. ऐतिहासिक अनुसंधान उन निरीक्षण प्रतिवेदनों पर आधारित होते हैं, जिनकी आवृत्ति नहीं हो सकती।
  3. ऐतिहासिक विधि काफी हद तक आत्मनिष्ठ (Subjective) भी होती है।
  4. विज्ञान भावी घटनाओं की ओर संकेत करता है, लेकिन दूसरी ओर इतिहास वर्तमान से सम्बन्धित घटनाओं का मूल्य तथा कारण भूत (past) में खोजने की कोशिश करता है।

 ऐतिहासिक अनुसंधान के उद्देश्य (Objectives of Historical Research)

ऐतिहासिक अनुसंधान से सम्बन्धित मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित प्रकार से हैं-

  1. ऐतिहासिक अनुसंधान का मौलिक उद्देश्य भूत या अतीत के आधार पर वर्तमान को समझना एवं भविष्य के प्रति सर्तक होना है। अधिकतर घटनाओं का कोई न कोई ऐतिहासिक आधार अवश्य होता है। अतः किसी घटना, समस्या या व्यवहार से सम्बन्धित उचित मूल्यांकन हेतु उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में जानना आवश्यक होता है।
  2. ऐतिहासिक अनुसंधान का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य भूत या अतीत के सम्बन्ध में वैज्ञानिकों में व्याप्त जिज्ञासाओं एवं उत्सुकताओं को शांत करना तथा भूत, वर्तमान व भविष्य के मध्य सम्बन्ध स्थापित करना है।
  3. शिक्षा, मनोविज्ञान तथा अन्य सामाजिक विज्ञानों में नीति-निर्धारण करने में सहायता प्रदान करना तथा इन विज्ञानों में चितंन को एक नई दिशा देना है।
  4. यह अनुसंधान इस सम्बन्ध में भी विश्लेषण करता है कि वर्तमान समय में जो सिद्धांत तथा क्रियाएँ में व्यवहार में हैं उनकी उत्पत्ति एवं विकास किन परिस्थितियों में हुआ है।
  5. ऐतिहासिक अनुसंधान का एक उद्देश्य यह भी है कि यह किसी भी क्षेत्र विशेष से सम्बन्धित व्यावसायिक कार्यकर्ताओं के लिये पूर्व-अनुभव के आधार पर भावी कार्यक्रम के सम्बन्ध में रूपरेखा निर्धारित करने में सहायता प्रदान करना है।
  6. ऐतिहासिक अनुसंधान के द्वारा यह बात पूर्णतः स्पष्ट हो जाती है कि किन परिस्थितियों तथा किन कारणों के मध्य व्यक्ति किस तरह का व्यवहार करता है तथा उससे सम्बन्धित इस विशेष व्यवहार का उसके स्वयं पर, समाज पर तथा साथ ही राष्ट्र पर किस प्रकार से तथा कितना प्रभाव पड़ता है।
  7. ऐतिहासिक अनुसंधान का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य वर्तमान का एक स्पष्ट चित्र प्राप्त करना तथा किसी भी समस्या को पूर्णतः उभारना है।
  8. इस अनुसंधान का एक सामान्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को भूतकाल से संबंधित घटनाओं के सम्बन्ध में एक बिल्कुल सही लिखित प्रमाण देना है।

 ऐतिहासिक अनुसंधान के प्रकार (Types of Historical Research)

 ऐतिहासिक अनुसंधान को मुख्य रूप से निम्नलिखित रूपों में बांटा जा सकता है-

  1. ऐतिहासिक अनुसंधान के अन्तर्गत शास्त्रीय अध्ययन करना।
  2. वैज्ञानिक अनुसंथान (Legal Research)- इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों व जातियों द्वारा संचालित शिक्षा संस्थाओं के वैधानिक आधारों से होता है।
  3. संदर्भ-ग्रंथ सूचनात्मक अनुसंधान (Bibliographical Informational Research)- इस प्रकार के ऐतिहासिक अनुसंधान के अन्तर्गत एक इकाई (देश, व्यक्ति या संस्कृति) के इतिहास में सम्बन्धित समन्वय होता है। इसके अतिरिक्त इस अनुसंधान का उद्देश्य महत्वपूर्ण शिक्षाविदों के जीवन के महत्वपूर्ण तथ्यों, उपलब्धियों तथा चरित्र को ज्ञात करना होता है।
  4. प्रमाण-विषयक अनुसंधान– इस प्रकार के ऐतिहासिक अनुसंधान में अवशेषों को स्रोत (Source) के रूप में प्रयोग नहीं किया जाता अपितु केवल प्रमाणों के सम्बन्ध में ही विचार किया जाता है।
  5. विचारों के इतिहास से सम्बन्धित अध्ययन (Studying the History related to Ideas)- इस प्रकार के अध्ययन के अन्तर्गत मुख्य दार्शनिकों या वैज्ञानिकों के विचारों की उत्पत्ति से लेकर विकास तक के विभिन्न चरणों का अध्ययन किया जाता है। इसके अतिरिक्त इस प्रकार के अनुसंधान का उद्देश्य किसी निर्दिष्ट काल के दौरान लोकप्रिय विचारों तथा अभिवृत्तियों (Attitude) में हुये परिवर्तनों से सम्बन्धित खोज से भी होता है।
  6. विभिन्न प्रकार की संस्थाओं तथा संगठनों से सम्बन्धित अध्ययन (This study related to different Institutions and Organizations)- इस प्रकार के अध्ययनों के अन्तर्गत प्रमुख संस्थाओं, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों तथा अन्य प्रकार की शैक्षिक संस्थाओं से सम्बन्धित ऐतिहासिक अध्ययन आते हैं।

ऐतिहासिक अनुसंधान का क्षेत्र (Scope of Historical Research)

वैसे यदि देखा जाये तो ऐतिहासिक अनुसंधान का क्षेत्र उतना ही विस्तृत एवं व्यापक है जितना स्वयं जीवन, लेकिन फिर भी ऐतिहासिक अनुसंधान के क्षेत्र के अन्तर्गत निम्नलिखित क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है-

  1. विभिन्न कालों के दौरान शैक्षिक एवं मनोवैज्ञानिक विचारों के विकास की स्थिति।
  2. विभिन्न प्रकार की संस्थाओं, संगठनों एवं प्रयोगशालाओं के द्वारा किये गये कार्य।
  3. प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्रियों तथा मनोवैज्ञानिकों के द्वारा दिये गये विचार।
  4. शिक्षा के लिये संवैधानिक व्यवस्था।
  5. एक विशिष्ट प्रकार की विचारधारा या दृष्टिकोण का प्रभाव तथा उससे सम्बन्धित स्रोत।
  6. पुस्तक-सूची से सम्बन्धित तैयारी आदि।

 ऐतिहासिक अनुसंधान का महत्व (Importance of Historical Research)

  1. ऐतिहासिक अनुसंधान अनुसंधानकर्ता को भूतकालीन या अतीत की गलतियों से परिचित कराकर उन्हें भविष्य के प्रति सचेत या जागरूक करता है।
  2. इस अनुसंधान के द्वारा उलझी हुई या जटिल समस्याओं का समाधान ढूँढ़ने में सहायता मिलती है तथा वर्तमान शिक्षा से सम्बन्धित तथा मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान करने में सहायक सिद्ध होता है।
  3. शिक्षा के इतिहास से शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को किसी भी रूप में प्रकट होती प्रचलित नई प्रवृत्तियों को पहचानने में सुविधा होती है और यह शिक्षा के सुधार से सम्बन्धित महत्वपूर्ण चरण होता है।
  4. कोई भी इतिहास भूतकाल से सम्बन्धित घटनाओं या हालातों के परिणामों को स्पष्ट करते हुये उससे सम्बन्धित गुण एवं दोषों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। अतः ऐतिहासिक अनुसंधान शिक्षा तथा मनोविज्ञान के क्षेत्र में व्याप्त वर्तमान क्रियाओं तथा प्रवृत्तियों के आधार से सम्बन्धित सम्यक विवेचन प्रस्तुत करता है।
  5. यह अनुसंधान विभिन्न प्रकार के क्रमों तथा अन्धविश्वासों को भी दूर करता है।
  6. ऐतिहासिक अनुसंधान शिक्षा, मनोविज्ञान तथा समाजशास्त्र आदि विषयों के क्षेत्र में सिद्धांत एवं क्रियात्मक पक्ष की आलोचनात्मक व्याख्या करने के साथ-साथ उनके वर्तमान स्वरूप एवं प्रकृति की ऐतिहासिक एवं विकासात्मक स्थिति को भी स्पष्ट करता है।
  7. शैक्षिक क्षेत्र के अन्तर्गत ऐतिहासिक अनुसंधान विद्यालय व अन्य शैक्षिक संस्थाओं तथा समाज के सम्बन्धों के बारे में व्याख्या प्रस्तुत करता है तथा साथ ही मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में इसके कारणों से सम्बन्धित विश्लेषण (Analysis) प्रस्तुत करता है।
  8. इस प्रकार का अनुसंधान शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकों तथा अनुसंधान कार्य में लगे अन्य व्यक्तियों के प्रति सम्मान को प्रकट करता है।

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