बुद्धि : अर्थ, प्रकृति एवं प्रकार (Intelligence : Meaning, Nature and Types)

मनुष्य ऐसी अनेक विशिष्टताओं से युक्त है जो अन्य प्राणियों में नहीं पाई जाती हैं। इन विशिष्टताओं में बुद्धि (Intelligence) या मानसिक योग्यता का विशेष महत्व है। यद्यपि अन्य प्राणियों में कुछ-न-कुछ बुद्धि अवश्य पाई जाती है किन्तु मनुष्य में यह सर्वाधिक होती है। इसीलिए मनुष्य को संसार का सबसे बुद्धिमान प्राणी माना जाता है। मनुष्य का व्यवहार अन्य प्राणियों से भिन्न होता है। इस भिन्नता का प्रमुख कारण उसमें बुद्धि का अधिक होना है।

बुद्धि का सामान्य प्रयोग सामान्य बोलचाल की भाषा में बहुत अधिक किया जाता है तथा सभी विद्वान् बुद्धि के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं। प्रकृति ने समाज को एक ऐसा स्वरूप प्रदान किया है जिसमें वैयक्तिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। समाज में व्यक्ति एक-दूसरे के प्रति अपने विचार व्यक्त करते हुए कहते रहते हैं कि वह व्यक्ति बड़ा प्रतिभाशाली है तथा वह व्यक्ति मन्द बुद्धि वाला है। एक कक्षा में भी भिन्न-भिन्न मानसिक योग्यता वाले बालक पाये जाते हैं। एक ही कक्षा के विद्यार्थी एक ही शिक्षक के द्वारा ज्ञान प्राप्त करते हैं परन्तु उनके प्राप्तांकों में विभिन्नता पाई जाती है। इसका प्रमुख कारण विभिन्न प्रकार के बौद्धिक स्तर का होना है।

कोई भी दो व्यक्ति एक जैसे नहीं होते। किसी की बुद्धि तेज होती है तो किसी की मन्द होती है, कई व्यक्ति काम बहुत जल्दी कर लेते हैं तो कई बहुत धीरे-धीरे काम करते हैं, कई समस्याओं को शीघ्रता व निपुणता से हल कर लेते हैं तो कई समस्याओं में उलझ जाते हैं। कइयों के लिए नई स्थिति के साथ सामंजस्य स्थापित करना आसान होता है तो कई इसमें बड़ी कठिनाई अनुभव करते हैं। आधुनिक मनोवैज्ञानिकों ने इन व्यक्तिगत विभिन्नताओं की ओर बहुत ध्यान दिया और यह निष्कर्ष निकाला कि व्यक्ति से व्यक्ति के मध्य पायी जाने वाली इस विभिन्नता का मुख्य कारण बुद्धि है।

शिक्षा मनोविज्ञान में बुद्धि के प्रत्यय का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान स्वीकार किया जाता है। वास्तव में संसार के कोई भी दो व्यक्ति पूर्णरूपेण एक-दूसरे के समान नहीं होते हैं। रंग-रूप, कद-काठी, शारीरिक संरचना, धन-सम्पत्ति, ज्ञान, स्वभाव, धर्म, जाति, वंश तथा अन्य अनेक गुणों में व्यक्ति एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। यही कारण है कि विभिन्न शारीरिक, सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक गुणों तथा क्षमताओं की दृष्टि से व्यक्ति में अन्तर देखे जा सकते हैं। शारीरिक गुणों के अन्तर तो प्रत्यक्ष दिखाई देते हैं जबकि सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक गुणों के अन्तर व्यक्तियों के विभिन्न व्यवहार तथा क्रियाकलापों में परिलक्षित होते हैं। व्यक्ति के व्यवहार के अध्ययन की दृष्टि से मनोवैज्ञानिक गुणों के अन्तरों का विशेष महत्व है। इस प्रकार विभिन्नता होने के कारण हो सकते हैं। व्यक्तिगत प्रयास के परिणाम के फलस्वरूप भी व्यक्ति एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। जन्म के समय ही बालकों में शारीरिक अन्तर दिखाई देने लगते हैं तथा जैसे-जैसे वे बड़े होते जाते हैं ये अन्तर अधिक स्पष्ट होते जाते हैं तथा संसार में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो इस प्रकार के विभेदों को स्वीकार करने में कोई आपत्ति प्रदर्शित करे। जिस प्रकार से बालक रंग-रूप, कद-काठी, भार, स्वास्थ्य आदि शारीरिक गुणों में एक-दूसरे से भिन्न होते हैं, ठीक उसी प्रकार से वे मानसिक गुणों में भी भिन्न होते हैं। एक ही आयु या कक्षा के कुछ बालक मानसिक क्रियाओं को करने में तीव्र तो कुछ औसत तथा कुछ सुस्त होते हैं। बालकों में इस प्रकार के अन्तर का प्रमुख कारण प्रायः ‘बुद्धि’ को ही माना जाता है। शैक्षिक दृष्टि से छात्रों की बुद्धिगत विभिन्नता का अध्ययन करना अत्यन्त उपयोगी है। छात्रों की मानसिक योग्यता के अनुरूप ही उनके लिए शिक्षा व्यवस्था का नियोजन तथा क्रियान्वयन किया जाता है।

बुद्धि का अर्थ (Meaning of Intelligence)

विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि की व्याख्या भिन्न-भिन्न प्रकार से की है। यद्यपि बुद्धि के प्रत्यय पर विगत बहुत-से वर्षों से विचारमंथन किया जा रहा है, परन्तु अभी तक कोई सर्वमान्य संप्रत्यय सामने नहीं आ सका है। वास्तव में बुद्धि के सम्बन्ध में भिन्न-भिन्न लोगों के मस्तिष्क में भिन्न-भिन्न पूर्वाग्रह या पूर्वधारणाएँ होती हैं। किन्तु न तो सन् 1910 की ब्रिटिश विचार गोष्ठी (British Symposium) और सन् 1921 की अमेरिकी विचार गोष्ठी और सन् 1923 का अन्तर्राष्ट्रीय गवेषणा सम्मेलन ही इस विवादग्रस्त प्रश्न को हल करने में समर्थ हुए हैं। इसी प्रकार बेलार्ड ने बताया कि अध्यापकों ने बालकों की बुद्धि बढ़ाने का प्रयत्न किया, वैज्ञानिकों ने बुद्धि के मापन का प्रयत्न किया, किन्तु कोई यह नहीं स्पष्ट कर सकता कि ‘बुद्धि’ आखिर है क्या। वर्नन ने कहा ‘यद्यपि 40 से अधिक वर्षों से हम बुद्धि-परीक्षण की दिशा में कार्य कर रहे हैं, किन्तु ये बुद्धि-परीक्षण किस तत्व अथवा क्षमताओं का मापन करते हैं, यह अधिकृत रूप से नहीं कहा जा सकता है। मनोवैज्ञानिक टर्मन का कथन है-‘बुद्धि-मापन का यह अर्थ नहीं है कि पहले उसकी पूर्ण परिभाषा ही प्रस्तुत की जाए। परन्तु मनोवैज्ञानिको ने टर्मन की इस बात को सहमति नहीं दी।

सन् 1921 में ‘जर्नल ऑफ एजूकेशनल साइकोलॉजी’ (Journal of Educational Psychology) ने 14 प्रमुख मनोवैज्ञानिकों की बुद्धि की प्रकृति के सम्बन्ध में लेखों की एक श्रृंखला प्रकाशित की। यद्यपि बुद्धि के सम्बन्ध में उनमें काफी कुछ सहमति थी, फिर भी यह कहना गलत न होगा कि इन लेखों से बुद्धि के सम्बन्ध में 14 किंचित भिन्न-भिन्न प्रत्यय उभर कर सामने आए। कुछ मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि की अनुकूलन प्रकृति (Adoptive Nature) पर अधिक बल दिया, कुछ ने बुद्धि को सीखने की योग्यता (Ability to Learn) के रूप में स्वीकार किया, कुछ ने अमूर्त चिन्तन की योग्यता को बुद्धि माना, कुछ ने विगत अधिगम की मात्रा (Degree of Past Learning) के रूप में बुद्धि को देखा।

बुद्धि के लिए तमाम मनोवैज्ञानिक की परिभाषाओं को फ्रीमैन ने विश्लेषित किया और सभी परिभाषाओं को तीन वर्गों में रखा, जो निम्नलिखित सारणी से स्पष्ट है-

क्रम वर्ग मनोवैज्ञानिक (परिभाषाओं के अनुसार)
1 बुद्धिः समायोजन की योग्यता स्टर्न, क्रूज, कॉलविन, बर्ट।
2 बुद्धिः सीखने की योग्यता बकिंघम, डियरबोर्न, थार्नडाइक ।
3 बुद्धिः अमूर्त चिन्तन की योग्यता टर्मन, स्पीयरमैन, बिने।
बुद्धि : अर्थ, प्रकृति एवं प्रकार (Intelligence : Meaning, Nature and Types)
बुद्धि : अर्थ, प्रकृति एवं प्रकार

बुद्धि की परिभाषाएँ (Definitions of Intelligence)

वुडवर्थ के अनुसार- “बुद्धि, ज्ञान का अर्जन करने की क्षमता है।”
“Intelligence is an acquiring-capacity.”   -Woodworth

गाल्टन के अनुसार- “बुद्धि पहचानने तथा सीखने की शक्ति है।”
“Intelligence is the power of recognition and learning.” -F. Galton

स्पीयरमैन के अनुसार- “बुद्धि सापेक्षिक चिन्तन है।”
“Intelligence is relational thinking.”   -Spearman

एबिंगहॉस के अनुसार- “बुद्धि विभिन्न भागों को मिलाने वाली शक्ति है।
“Intelligence is the power of combining parts.”     -Ebbinghaus

टर्मन  के अनुसार- “बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्यता है।”
“Intelligence is the ability to think in terms of abstract idea.”    -Terman

थार्नडाइक के अनुसार- “वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार अपेक्षित प्रतिक्रिया करने की योग्यता बुद्धि है।”
“Intelligence is the power of good response from the point of view of truth or fact.” -E. Thorndike

बकिंघम के अनुसार- “बुद्धि सीखने की शक्ति ही बुद्धि है।”
“Intelligence is the ability to learn.”    -Bakingham

बर्ट के अनुसार – “बुद्धि अपेक्षाकृत नई परिस्थितियों में समायोजन करने की जन्मजात क्षमता है।”
“Intelligence is the innate capacity to adopt relatively to new situations.”  -Burt

बिने के अनुसार- “बुद्धि निर्णय या सामान्य चेतना, पहल क्षमता, अनुकूलन बनाने की शक्ति है। बुद्धि के सार-तत्व निष्कर्ष निकालना, भली-भाँति समझना, सुविवेक को बनाना है।”
“Intelligence is judgement or common sense, initiative, the ability to adopt oneself.”   -Binet

वेल्स के अनुसार- “बुद्धि का अर्थ संक्षेप में वह गुण है, जिससे व्यक्ति नवीन परिस्थितियों में उत्तम प्रतिमानों का पुनर्योजन करता है।”
“Intelligence means precisely the power of so recombining our behaviour pattern as to act better in novel situation.  -Welles

गैरेट के अनुसार – “बुद्धि ऐसी समस्याओं के हल करने की योग्यता है जिनमें ज्ञान और प्रतीकों को समझने और प्रयोग करने की आवश्यकता है, जैसे शब्द, अर्थ, रेखाचित्र, समीकरण और सूत्र।”
“The ability demanded in the solution of problems which require the comprehension and use of symbols, i.e. words, numbers, diagrams, equations, formulas.”  -Garret

डेविड वैशलर के अनुसार- “बुद्धि व्यक्ति की वह संयुक्त और समग्र क्षमता है जिसके द्वारा वह उद्देश्यपूर्ण कार्य करता है। विवेकपूर्ण चिन्तन करता है और अपने वातावरण का प्रभावशाली ढंग से सामना करता है।”
“Intelligence is the aggregate or global capacity of an individual to act purposefully, to think rationally and to deal effectively with his environment.”    -David Wechsler

स्टर्न के अनुसार- “जीवन की नवीन समस्याओं के प्रति समायोजन करने की सामान्य चेतन-क्षमता ही ‘बुद्धि’ है।”
“Intelligence is the general adoptability to new problems of life.”  -Stern

हेनमॉन के अनुसार- “बुद्धि में दो तत्व होते हैं ज्ञान की क्षमता और निहित ज्ञान।”
“Intelligence involves two factors-The capacity for knowledge and knowledge possessed.”   -Henmon

कॉलविन के अनुसार- “एक व्यक्ति उतनी ही बुद्धि रखता है जितना वह अपने नए वातावरण में समायोजित होना सीख चुका होता है अथवा सीखता है।”
“An individual possesses intelligence in so far as he has learned or can learn to adjust himself to his new environment.”  -Colvin

पिन्टनर के अनुसार “जीवन की अपेक्षाकृत नवीन परिस्थितियों में अपना सामंजस्य करने में व्यक्ति की योग्यता ही बुद्धि है।”
“Intelligence is the ability of the individual to adopt himself adequately relatively new situations in life.”  –Pintner

स्टाउट के अनुसार- “सतर्क रहने की शक्ति का नाम ही बुद्धि है।”
“Intelligence is the power of attention.”   -Stout

वैगनन के अनुसार- “अपेक्षाकृत नई एवं परिवर्तित परिस्थितियों को समझने तथा उनके अनुसार समायोजित करने की योग्यता बुद्धि है।”
“Intelligence is the capacity to learn and adjust to relatively new and changing conditions.”  -Wagnon

रायबर्न– “बुद्धि वह शक्ति है, जो हमको समस्याओं का समाधान करने और उद्देश्यों को प्राप्त करने की क्षमता देती है।”
“Intelligence is the power which enables us to solve problems and to achieve our purpose.”  -Ryburn

इन परिभाषाओं से स्पष्ट है कि बुद्धि में अतीत के अनुभवों का प्रयोग नवीन परिस्थितियों में समायोजन, परिस्थिति को समझना तथा क्रिया को व्यापक रूप से देखना ही बुद्धि है।

बुद्धि से सम्बन्धित ये सभी उद्धरण महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे विभिन्न दृष्टिकोणों से बुद्धि के स्वरूप पर प्रकाश डालते हैं और उनकी किसी-न-किसी रूप में व्याख्या करते हैं। इनके अतिरिक्त, बुद्धि के सम्बन्ध में और भी अनेक अन्य लेखकों की परिभाषाएँ उद्धृत की जा सकती हैं। मोटे तौर पर इन परिभाषाओं के अनुसार, बुद्धि निम्न प्रकार की योग्यता है-

(1) सीखने की योग्यता (Ability to learn)
(2) अमूर्त चिन्तन की योग्यता (Ability to think abstractly)
(3) समस्या का समाधान करने की योग्यता (Ability to solve problems)
(4) अनुभव से लाभ उठाने की योग्यता (Ability to profit by experience)
(5) सम्बन्धों को समझने की योग्यता (Ability to perceive relationships)
(6) अपने वातावरण से सामंजस्य करने की योग्यता (Ability to adjust to one’s environment)

बुद्धि की विशेषताएँ (Characteristics of Intelligence)

बुद्धि एक सामान्य योग्यता है। इस योग्यता का व्यक्ति अपने को तथा दूसरे को समझता है। सच यह है कि सामाजिक तथा वैयक्तिक परिवेश में अन्तः क्रियात्मक गतिशीलता तथा क्षमता का नाम बुद्धि है। बुद्धि की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  1. बुद्धि व्यक्ति की जन्मजात शक्ति है।
  2. बुद्धि एक सामान्य योग्यता है। इस योग्यता से व्यक्ति अपने को तथा दूसरे को समझता है।
  3. बुद्धि व्यक्ति को अमूर्त चिन्तन की योग्यता प्रदान करती है।
  4. बुद्धि व्यक्ति को अपने गत अनुभवों से लाभ उठाने की क्षमता प्रदान करती है।
  5. बुद्धि व्यक्ति को विभिन्न बातें सीखने में सहायता प्रदान करती है।
  6. यह समस्या समाधान की योग्यता प्रदान करती है।
  7. बुद्धि व्यक्ति की कठिन परिस्थितियों एवं जटिल समस्याओं को सरल बनाती है।
  8. व्यक्ति को नवीन परिस्थितियों से सामंजस्य करने का गुण प्रदान करती है।
  9. बुद्धि आत्म-विश्लेषण की शक्ति प्रदान करती है।
  10. बुद्धि व्यवहार को एक स्थायित्व प्रदान करती है।
  11. बुद्धि बहु आयामी योग्यता होती है।
  12. बुद्धि व्यक्ति को भले-बुरे, सत्य-असत्य और नैतिक-अनैतिक कार्यों में अन्तर करने की योग्यता प्रदान करती है।
  13. बुद्धि पर वंशानुक्रम और वातावरण का प्रभाव पड़ता है।
  14. बुद्धि का विकास जन्म लेकर किशोरावस्था के मध्यकाल तक होता है।
  15. लिंग-भेद के कारण बालकों और बालिकाओं की बुद्धि में बहुत ही कम अन्तर होता है।

बुद्धि के प्रकार (Kinds of Intelligence)

बुद्धि का विभाजन करना एक कठिन कार्य है। बुद्धि तो वह क्षमता है जिसका उपयोग व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों तथा परिवेश में करता है। इस आधार पर वृद्धि का वर्गीकरण विद्वानों ने इस प्रकार किया है

गैरेट (Garrett) ने तीन प्रकार की बुद्धि का उल्लेख किया है; यथा-

(1) मूर्त बुद्धि (Concrete Intelligence)- इस बुद्धि को ‘गामक’ या ‘यांत्रिक बुद्धि’ (Motor or Mechanical Intelligence) भी कहते हैं। इसका सम्बन्ध यन्त्रों और मशीनों से होता है। जिस व्यक्ति में यह बुद्धि होती है, वह यन्त्रों और मशीनों के कार्य में विशेष रुचि लेता है। अतः इस बुद्धि के व्यक्ति अच्छे कारीगर, मैकेनिक, इंजीनियर, औद्योगिक कार्यकर्त्ता आदि होते हैं।

(2) अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence)- इस बुद्धि का सम्बन्ध पुस्तकीय ज्ञान से होता है। जिस व्यक्ति में यह बुद्धि होती है, वह ज्ञान का अर्जन करने में विशेष रुचि लेता है। अतः इस बुद्धि के व्यक्ति अच्छे वकील, डॉक्टर, दार्शनिक, चित्रकार, साहित्यकार आदि होते हैं।

(3) सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence)- इस बुद्धि का सम्बन्ध व्यक्तिगत और सामाजिक कार्यों से होता है। जिस व्यक्ति में यह बुद्धि होती है, वह मिलनसार, सामाजिक कार्यों में रुचि लेने वाला और मानव-सम्बन्ध के ज्ञान से परिपूर्ण होता है। अतः इस बुद्धि के व्यक्ति अच्छे मन्त्री, व्यवसायी, कूटनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता होते हैं।

थार्नडाइक (Thorndike) ने बुद्धि का वर्गीकरण इस प्रकार किया है-

  • अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence)
  • सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence)
  • यान्त्रिक बुद्धि (Motor Intelligence)

(1) अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence)- कुछ बालक या व्यक्ति किसी बात को या काम को शीघ्रता से सीख लेता है, कुछ थोड़े समय बाद सीख पाते हैं और कुछ तो कई दिनों में सीखते हैं व इसी के अनुसार उनके उत्तर भी आते हैं।

अमूर्त बुद्धि ज्ञान को अर्जित करने के लिये प्रयुक्त की जाती है। इसमें शब्दों (words), प्रतीकों (Symbols) आदि का प्रयोग किया जाता है।

अमूर्त बुद्धि छोटे बच्च्चे से लेकर वृद्ध तक पायी जाती है लेकिन इनका स्तर आयु के साथ घटता-बढ़ता रहता है।

(2) सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence)- सामाजिक बुद्धि वह है जो सामाजिक सम्बन्धों के बनाने, बढ़ाने, सुधारने व उनके निर्वाह करने में सहायता प्रदान करती है।

साधारण बोलचाल की भाषा में व्यक्ति इसमें समाज में समायोजन करता है व विभिन्न व्यवसायों में सफलता प्राप्त करता है। यह बुद्धि मित्र बनाने में, सम्बन्धों को सफलतापूर्वक निभाने में व कक्षा व समाज में सहयोग करने आदि में प्रयुक्त होती है।

(3) यान्त्रिक बुद्धि (Motor or Mechanical Intelligence)- सृजनशील कार्यों को कुशलतापूर्वक करने में जो बुद्धि कार्य करती है, उसे यान्त्रिक बुद्धि कहते हैं।

जैसे किसी पुरानी वस्तु को ठीक करना, किसी वस्तु का आविष्कार करना आदि। ऐसे व्यक्ति इंजीनियर, मैकेनिक आदि होते हैं।

बुद्धि के यह तीनों प्रकार सभी व्यक्तियों में किसी न किसी प्रतिशत में पाये जाते हैं। इनमें किसी में समानता होती है, तो किसी में असमानता होती है। लेकिन इन तीनों को अलग-अलग करना असम्भव होता है।

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