Table of Contents
शैक्षिक तकनीकी का अर्थ (Meaning of Educational Technology)
शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) मूलतः दो शब्दों से मिलकर बना है शैक्षिक एवं तकनीकी
Educational + Technology= Educational Technology
इस प्रकार शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) शिक्षा एवं तकनीकी के सम्बन्ध से मिलकर बना है। यदि हम यह कहें कि यह एक नवीन प्रत्यय है तो पूर्णतः असत्य होगा। वास्तव में हर काल में शिक्षा में नई क्रान्तियाँ हुई हैं और इन क्रान्तियों ने शिक्षा के क्षेत्र एवं उत्पादकता को प्रभावित किया है फिर चाहे वह मुद्रण का आविष्कार हो अथवा वैज्ञानिक मशीनों का अनुप्रयोग।
इसको समझने से पहले हमें तकनीक शब्द के अर्थ को अच्छी तरह से जानना एवं समझना होना। तकनीक किसी भी कार्य को करने की वह सरल विधि है जो कि न्यूनतम इनपुट (Input) से अधिकतम आउटपुट (Output) प्राप्त करा सके। इस प्रकार शैक्षिक तकनीक शिक्षा की वह सरलतम विधि हुई जो कमतर प्रयास (minimurn input) में अधिकतम निष्पत्ति (maximun output) दे सके।
शैक्षिक तकनीकी की परिभाषाएँ (Definitions of Educational Technology)
शैक्षिक तकनीकी की विभिन्न विद्वानों ने विभिन्न प्रकार से परिभाषाएँ दी हैं। कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ जिसमें शैक्षिक तकनीकी के अर्थ एवं स्वरूप को समझने में सहायता प्रदान करती हैं।
एस. एस. कुलकर्णी (S. S. Kulkarni), “तकनीकी तथा विज्ञान के आविष्कारों तथा नियमों का शिक्षा की प्रक्रिया में प्रयोग को ही शैक्षिक तकनीकी कहा जाता है।”
“Educational technology may be defined as the application of the laws as well as recent discoveries of science and technology to the process of education.” -S. S. Kulkarni
जैकोटा ब्लूमर (1973) के अनुसार, “शैक्षिक तकनीकी को व्यावहारिक अधिगम की परिस्थिति में वैज्ञानिक एवं तकनीकी ज्ञान का विनियोग कहा जाता है।”
“Educational technology is the application of scientific knowledge about learning to practical learning situations.” -Jaquetta Bloomer
रॉबर्ट एम. गेने (Robert M. Gagne), “शैक्षिक तकनीकी का तात्पर्य है व्यावहारिक ज्ञान की सहायता से सुनियोजित प्रविधियों का विकास करना, जिससे विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रणाली के परीक्षण तथा शिक्षा कार्य की व्यवस्था की जा सके।”
“Educational technology can be understand as meaning the development of a set of systemetic techniques, and accompanying practical knowledge for designing testing and operating schools as a educational system.” – Robert M. Gnagne
रॉबर्ट ए. कॉक्स (Robert A. Cox, 1970), “मानव के सीखने की परिस्थितियों में वैज्ञानिक प्रक्रिया के प्रयोग को शैक्षिक तकनीकी कहा जाता है। “
“Application of scientific process to man’s learning conditions called Educational Technology.” -Robert A. Cox
तक्शी साकामाटो (Takshi Sakamato, 1971) के अनुसार, “शैक्षिक तकनीकी एक व्यावहारिक अध्ययन है जिसका उद्देश्य उन सम्बन्धित तत्वों को नियंत्रित करके शैक्षिक प्रभावों को अधिकतम करना है। ये सम्बन्धित तत्वों जैसे- शैक्षिक उद्देश्य, शैक्षिक विषयवस्तु, शिक्षण सामग्री, शैक्षिक विधियाँ, शैक्षिक वातावरण, विद्यार्थियों का व्यवहार, निर्देशकों का व्यवहार उनके मध्य होने वाली अन्तःप्रक्रिया को नियन्त्रित करके अधिकतम शैक्षिक प्रभाव उत्पन्न करता है। “
“Educational technology is an applied or practical study which aims at maximising educational effect by controlling such relevant facts as educational purposes, educational environment conduct of student, behaviour of instructors and interrelations between students and instructors.” -Takshi Sakamato
शिव के. मित्रा, “शैक्षिक तकनीकी को उन पद्धतियों तथा प्रविधियों का विज्ञान माना जा सकता है जिनके द्वारा शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके।”
“Educational technology can be concived as a science of techniques and methods by which educational goals could be realized.” Shiv K. Mitra
हेडान (Hadden) के अनुसार, “शैक्षिक तकनीकी, शैक्षिक सिद्धान्त एवं व्यवहार की वह शाखा है जो मुख्यतः सूचनाओं के उपयोग एवं योजनाओं से सम्बन्धित होती है और जो सीखने की प्रक्रिया पर नियंत्रण रखती है।”
“Educational technology is that branch of educational theory and practice concerned primarily with the design and use of messages which controls the learning process.” -Hadden
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर हम निम्नलिखित निष्कर्षों पर पहुँचते हैं-
- विज्ञान, शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) का आधारभूत विषय है।
- इसमें क्रमबद्ध उपागम (Systematic approach) को प्रधानता दी जाती है।
- शैक्षिक तकनीकी के विकास के फलस्वरूप शिक्षण में नवीन शिक्षण विधियों तथा जब शिक्षण तकनीकियों का प्रवेश हो रहा है।
- यह शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अधिगम परिस्थितियों में आवश्यक परिवर्तन लाने में समर्थ है।
- इसमें शिक्षक, छात्र तथा तकनीकी प्रक्रियाएँ एक साथ समावेशित रहती हैं।
- शैक्षिक तकनीकी निरन्तर विकासशील विषय है।
- इसका उद्देश्य सीखने की प्रक्रिया में विकास करना है।
उपरोक्त परिभाषाओं तथा विशेषताओं के आधार पर यह स्पष्ट है कि शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) अति विस्तृत शब्द है। इसका तात्पर्य सम्पूर्ण शैक्षिक प्रक्रिया को योजनाबद्ध कर, कार्यान्वित करने में वैज्ञानिक सिद्धान्तों को प्रयोग में लाना है। शैक्षिक तकनीकी की धारणा का प्रयोग उन सभी विधियों, प्रविधियों, व्यूह रचनाओं तथा यांत्रिक उपकरणों की अभिव्यक्ति हेतु किया जा रहा है जिनका प्रयोग शिक्षण एवं अधिगम की प्रभावशीलता में वृद्धि करने के लिए किया जाता है। शैक्षिक तकनीकी, शैक्षिक एवं शैक्षणिक प्रक्रियाओं को नियोजित करने, संगठित करने, अग्रसरित करने तथा उनके प्रभावों को भली-भाँति नियन्त्रित करने के लिए एक सुव्यवस्थित तथा वैज्ञानिक प्रयास कहलाता है।
शैक्षिक तकनीकी की प्रकृति (Nature of Educational Technology)
शैक्षिक तकनीकी की प्रकृति निम्न प्रकार है-
- शैक्षिक तकनीकी वैज्ञानिक ज्ञान के प्रयोग पर आधारित है।
- शैक्षिक तकनीकी के क्षेत्र में मनोविज्ञान, विज्ञान, तकनीकी, प्रणाली, श्रव्य-दृश्य सामग्री व मशीनों का प्रयोग आदि सम्मिलित है।
- शिक्षण को वैज्ञानिक, वस्तुनिष्ठ, स्पष्ट, सरल एवं रुचिकर बनाने के लिए शैक्षिक तकनीकी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
- शैक्षिक तकनीकी द्वारा शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन सम्भव है।
- शैक्षिक तकनीकी वातावरण पर नियंत्रण करके सीखने को प्रोत्साहित करती है।
- शैक्षिक तकनीकी के अन्तर्गत प्रभावशाली अधिगम के लिए विधियों तथा तकनीकों के विकास पर बल दिया जाता है।
- शैक्षिक तकनीकी एक निरन्तर विकासशील तकनीकी है।
- विज्ञान शैक्षिक तकनीकी का आधारभूत विषय है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) शिक्षा को व्यवहारिक रूप प्रदान करती है।
- यह पूर्णतया यंत्रीकृत है जिससे शिक्षण प्रक्रिया भी यांत्रिक हो गयी है।
- इसके अन्तर्गत पढ़ाये गये तथ्य का मूल्यांकन होता है।
- जहाँ कमी पायी जाती है उसे तत्काल दूर करने का प्रयास किया जाता है।
- शैक्षिक तकनीकी छात्र-शिक्षक के बीच अन्तःक्रियाओं पर जोर देती है।
- यह शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अधिगम परिस्थितियों में आवश्यक परिवर्तन लाने में सक्षम है।
- यह शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को सरल, सुगम, वैज्ञानिक एवं प्रभावपूर्ण बनाती है।
- शैक्षिक तकनीकी में प्रणाली उपागम (System Approach) को प्रधानता दी जाती है जिसमें सुनियोजित पद्धतियों तथा प्रविधियों का विकास किया जा सके।
- शैक्षिक तकनीकी के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अभिक्रमित अनुदेशन (Programmed Instruction), सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching), सीमूलेटेड शिक्षण (Simulated Teaching), दृश्य-श्रव्य सामग्री (Audio-Visual Aids) आदि नई खोजों के विकास में इसका प्रमुख योगदान है।
- शैक्षिक तकनीकी शिक्षा के तीनों पक्षों-अदा (Input), प्रक्रिया (Process) एवं प्रदा (Output) के विकास पर जोर देती है।
- शैक्षिक तकनीकी जनसंचार माध्यमों (Mass Communication Media) का प्रयोग करके जनता के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाती है।
- शैक्षिक तकनीकी विद्यार्थियों, अध्यापकों तथा तकनीकी साधनों को प्रभावशाली ढंग से एक-दूसरे के पास ले जाती है।
शैक्षिक तकनीकी की विशेषताएँ (Characteristics of Educational Technology)
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) वैज्ञानिक ज्ञान के प्रयोग पर आधारित है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) के क्षेत्र में मनोविज्ञान, विज्ञान, तकनीकी, प्रणाली, श्रव्य-दृश्य सामग्री व मशीनों का प्रयोग आदि सम्मिलित है।
- शिक्षण को वैज्ञानिक, वस्तुनिष्ठ, स्पष्ट, सरल एवं रुचिकर बनाने के लिए शैक्षिक तकनीकी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) द्वारा शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन सम्भव है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) वातावरण पर नियंत्रण करके सीखने को प्रोत्साहित करती है।
- शैक्षिक तकनीकी के अन्तर्गत प्रभावशाली अधिगम के लिए विधियों तथा तकनीकों के विकास पर बल दिया जाता है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) एक निरन्तर विकासशील तकनीकी है।
- विज्ञान शैक्षिक तकनीकी का आधारभूत विषय है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) शिक्षा को व्यवहारिक रूप प्रदान करती है।
- यह पूर्णतया यंत्रीकृत है जिससे शिक्षण प्रक्रिया भी यांत्रिक हो गयी है।
- इसके अन्तर्गत पढ़ाये गये तथ्य का मूल्यांकन होता है।
- जहाँ कमी पायी जाती है उसे तत्काल दूर करने का प्रयास किया जाता है।
- शैक्षिक तकनीकी छात्र-शिक्षक के बीच अन्तःक्रियाओं पर जोर देती है।
- यह शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अधिगम परिस्थितियों में आवश्यक परिवर्तन लाने में सक्षम है।
- यह शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को सरल, सुगम, वैज्ञानिक एवं प्रभावपूर्ण बनाती है।
- शैक्षिक तकनीकी में प्रणाली उपागम (System approach) को प्रधानता दी जाती है जिसमें सुनियोजित पद्धतियों तथा प्रविधियों का विकास किया जा सके।
- शैक्षिक तकनीकी के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अभिक्रमित अनुदेशन (Programmed Instruction), सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching), सीमूलेटेड शिक्षण (Simulated Teaching), दृश्य-श्रव्य सामग्री (Audio Visual Aids) आदि नई खोजों के विकास में इसका प्रमुख योगदान है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) शिक्षा के तीनों पक्षों-अदा (Input), प्रक्रिया (Process) एवं प्रदा (Output) के विकास पर जोर देती है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) जनसंचार माध्यमों (Mass Communication Media) का प्रयोग करके जनता के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाती है।
- शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) विद्यार्थियों, अध्यापकों तथा तकनीकी साधनों को प्रभावशाली ढंग से एक-दूसरे के पास ले जाती है।

शैक्षिक तकनीकी की आवश्यकता एवं महत्व (Need and Importance of Educational Technology)
जिस प्रकार से हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान एवं तकनीकी ज्ञान के प्रयोग से कम से कम समय में, कम से कम शक्ति लगाकर अधिक से अधिक लाभ उठाने की आवश्यकता है, उसी प्रकार शैक्षिक तकनीकी की शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यकता महसूस होती है।
शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) शिक्षा के क्षेत्र में निम्नलिखित कारणों से आवश्यक एवं उपयोगी है-
- शैक्षिक तकनीकी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को अधिक सरल, सुगम, स्पष्ट एवं वस्तुनिष्ठ बनाती है।
- शैक्षिक तकनीकी शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को वैज्ञानिक एवं प्रभावी बनाती है।
- शैक्षिक तकनीकी की शिक्षण समस्याओं के समाधान के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान करती है।
- शिक्षण प्रक्रिया में मशीनों का प्रयोग इसी तकनीकी की देन है।
- शैक्षिक तकनीकी ने सीखे गये ज्ञान को नवीन पद्धति से संचालित करके रखने हेतु विभिन्न उपकरण यथा- रेडियो, टेलीविजन, टेपरिकॉर्डर, कम्प्यूटर, ओवर हैड प्रोजेक्टर आदि उपलब्ध कराये हैं।
- प्रभावशाली शिक्षण के लिए नई नई विधियों के विकास पर जोरदेती है।
- शैक्षिक तकनीकी शिक्षण उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अधिगम परिस्थितियों की व्यवस्था करती है तथा उन पर नियंत्रण रखती है।
- शिक्षा का प्रचार-प्रसार वैज्ञानिक विधि से करना इसी की देन है।
- शैक्षिक तकनीकी के द्वारा दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में भी शिक्षण प्रक्रिया सम्भव है।
- शिक्षा तकनीकी ने शिक्षा को जन साधारण की शिक्षा बनाया है।
- मुक्त विश्वविद्यालय, विद्यालयों की स्थापना करके असमर्थ छात्रों का भविष्य उज्जवल किया है, जो नियमित विद्यालयों में नहीं जा सकते हैं।
- इसमें प्रत्येक छात्र को उसकी आदत, रुचि, जिज्ञासा के अनुरूप शिक्षित किया जा सकता है।
- पढ़ाये गये विषय को छात्र ने कहाँ तक ग्रहण किया है, इसका मूल्यांकन मानदण्ड परीक्षा से किया जा सकता है। आज विभिन्न प्रकार की परीक्षा, प्रश्न, सभी शैक्षिक तकनीकी की देन हैं।
- मूल्यांकन क्रिया के पश्चात् छात्रों के अन्तिम व्यवहार के स्तर की जाँच कर अपेक्षित पुनर्बलन (Reinforcement) और अपेक्षित पृष्ठपोषण (Desirable feedback) पर भी बल देती है।
- इसके द्वारा प्रभावी शिक्षक प्रशिक्षक तैयार किये जा सकते हैं।
- इसके अन्तर्गत विज्ञान, मनोविज्ञान तथा तकनीकी सभी प्रकार की कलाओं, विधियों, सामग्री, कौशलों, सिद्धान्तों एवं यंत्रों का प्रयोग सम्मिलित है।
- शैक्षिक तकनीकी शिक्षक व शिक्षार्थी के बीच होने वाले विचारों के आदान-प्रदान में सम्प्रेषण की एक प्रभावशाली कला के रूप में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।
- अभिक्रमित अनुदेशन, दल शिक्षण, पर्यटन शिक्षण, समस्या समाधान गोष्ठी, भाषा प्रयोगशाला शैक्षिक तकनीकी की ही देन है।
- व्यक्तित्व मापन, शैक्षिक तकनीकी के बिना असम्भव-सा है।
- शिक्षण कौशलों, सोपानों के माध्यम से शिक्षण में क्रमबद्धता लाई जा सकती है।
- विज्ञान के विभिन्न उपकरणों को शिक्षा से जोड़ने में शैक्षिक तकनीकी का सर्वोपरि योगदान है।
अतः यह कहा जा सकता है शिक्षण तथा अधिगम को मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से अवलोकित करने का श्रेय इसी तकनीकी को जाता है। अधिगम को रोचक, सरल, सहज बनाने में भी अद्वितीय योगदान है। यद्यपि शैक्षिक तकनीकी ने आज पर्याप्त विकास क्रिया है, शैक्षिक जगत में क्रान्ति ला दी है तथापि शिक्षण अधिगम शिक्षक और छात्र के मध्य अन्तः क्रिया से ही सम्भव है। अतः शैक्षिक तकनीकी शिक्षक का का स्थान न ही लेती है और न ही उसे अपदस्थ करती है, अपितु शिक्षक को इस प्रकार सुसज्जित कर देती है कि वह शिक्षण के मार्ग पर आने वाले प्रत्येक बाधा को हटाते हुए इसे रोचक एवं प्रभावपूर्ण बनाता है।
शैक्षिक तकनीकी के उद्देश्य (Objective of Educational Technology)
शैक्षिक तकनीकी के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- शिक्षा के उद्देश्यों का निर्धारण तथा व्यवहारिक रूप में परिभाषीकरण करना तथा उन्हें लिखना।
- निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए समुचित व्यूह रचनाओं का चयन एवं प्रयोग करना।
- प्रयोग के पश्चात् उनका मूल्यांकन करना।
- ज्ञान का संचय, प्रसार तथा विकास करना।
- पाठ्यवस्तु का विश्लेषण कर तत्वों को क्रमबद्ध रूप प्रदान करना।
- शैक्षिक तकनीकी का समग्र रूप में उद्देश्य शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सुधार लाना।
- छात्रों एवं शिक्षकों की व्यक्तिगत शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
- शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन की उन्नत विधियों का उचित व उपयुक्त प्रयोग करना।
- प्रत्येक व्यक्ति को उसकी योग्यता, क्षमता तथा उसकी व्यक्तिगत गति के अनुसार सीखने में सहायता करना।
- शिक्षकों की क्षमताओं व योग्यताओं में वृद्धि करना।
- शिक्षण प्रक्रिया को अधिक वैज्ञानिक बनाना।
- शिक्षण कार्य को अधिक प्रेरक व रोचक बनाना।
- स्वतन्त्र अध्ययन हेतु अधिकतम अवसर सुलभ करना।
- शिक्षा को अधिक वैज्ञानिक, वास्तविक तथा प्रभावशाली बनाना।
- शिक्षण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वांछित पुनर्बलन की प्रविधियों का चयन करके प्रयोग करना।